सालों बाद भी आंगनवाड़ी भवन अधूरे, किराये के भवनों में बैठ रहे बच्चे

देवरीकलां । ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत होने के बाद भी सालों बाद अधूरे पड़े हैं। पंचायतें इनके निर्माण में लापरवाही बरत रही हैं। आलम यह है कि जो आंगनवाड़ी भवन वर्ष 2012-13 में स्वीकृत हुए, वे भी अभी तक अधूरे पड़े हैं। इन भवनों के लिए 7 लाख 80 हजार रुपए की राशि मंजूर हुई थी। कार्य पूर्ण कराने को लेकर सरपंच, सचिवों पर एफआईआर दर्ज तक करने की चेतावनी भी दी गई थी। इसके बाद भी कार्य पूर्ण नहीं हो सके। वर्ष 2012-13 के स्वीकृत कई भवन आज अधूरे हैं। यही हाल वर्ष 2014- 15 से लेकर वर्ष 2018- 19 में स्वीकृत हुए आंगनवाड़ी भवनों का है।


ग्राम पंचायत रीछई में आंगनवाड़ी भवन के नाम पर सरपंच और सचिव ने राशि निकाली, लेकिन यह भवन आज तक पूरी नहीं हो सका। छीर गांव में वर्ष 2015-16 में स्वीकृत हुए आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य अभी आधा तक नहीं हुआ। ग्राम पंचायत छिंदली के जमुनिया पंडित गांव में वर्ष 2015-16 में 7.80 लाख की लागत से स्वीकृत आंगनवाड़ी केंद्र के भवन निर्माण का काम अधूरा पड़ा हुआ है। तीन साल का समय बीतने के बावजूद भी ग्राम पंचायत अधूरे पड़े कार्य को पूर्ण करने में कोई रुचि नहीं दिखा रही है। पंचायत ने तीन लाख की राशि खर्च कर दी है। पंचायत द्वारा किए गए घटिया निर्माण के कारण अधूरा पड़ा भवन जर्जर हालत में पहुंच गया है। भवन का एक कक्ष बना है। इस अधूरे कक्ष में गांव के ही एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है। दूसरी ओर आंगनवाड़ी के बच्चों को किराए के भवन में बैठते है।


श्रीनगर में चार साल बाद भी भवन अधूरा


ग्राम पंचायत सिमरिया के श्रीनगर गांव की आंगनवाड़ी केंद्र का भी यही हाल है। यहां 4 साल से आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण अपूर्ण पड़ा है। दीवारें पूरी तरह से जर्जर होकर गिरने लगी है। दरवाजे और खिड़कियां चोरी चले गए। पंचायत ने छत का निर्माण नहीं किया गया है। सिमरिया ग्राम के आंगनवाड़ी भवन का भी यही हाल है। यहां 2015 और 16 में स्वीकृत हुआ था। इसी ग्राम पंचायत के क्षीर गांव में 2015-16 में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य अधूरा है।


 

जानकारी मांगी है ...


मैंने कुछ दिन पहले जनपद पंचायत का प्रभार लिया है। अभी ज्यादा जानकारी मुझे नहीं है। लंबे समय से अधूरे पड़े आंगनवाड़ी भवन का मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। मैंने सरपंच, सचिव और उपयंत्रियों को नोटिस जारी कर 3 दिन में सभी आंगनवाड़ी भवनों की वास्तविक जानकारी मांगी है। जिन पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन में काम अधूरा पड़ा है या गड़बड़ी की गई है। ऐसे सरपंच सचिव के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकारी राशि की वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी।