क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के सामने नाम रखने में नहीं दिखाई रुचि

बिजावर। प्रदेश की सियासत का महासंग्राम सबके सामने हैं। राजनीति में जिस तरह सत्ता को हथियाने की उठा-पटक चल रही है, उसने राजनीति के स्तर को सामने ला दिया है। कमल नाथ सरकार ने अपने खेमे के विधायकों को थामने के लिए जल्द ही एक बैठक बुलाई और कैबिनेट में मध्यप्रदेश में मैहर, चाचौड़ा एवं नागदा को जिला बनाने की हरी झंडी दे दी। इसे दुर्भाग्य ही कहें कि छतरपुर जिले के कस्बा बिजावर और लवकुशनगर को वर्षों से जिला बनाने की मांग चली आ रही है, लेकिन अपने जिले के विधायकों ने इस मुद्दे को सरकार के सामने से प्राथमिकता से तरजीह नहीं दी है। बिजावर में लगभग 10 वर्षों से जिला बनाने की मांग चली आ रही है तो कमोवेश यही स्थिति लवकुशनगर की है। छतरपुर जिले के इन दो प्रमुख कस्बों के हित में कोई निर्णय नहीं लिए जाने से बिजावर, लवकुशनगर अंचलवासियों में मायूसी छाई हुई है। इस संबंध में बिजावर विधायक राजेश शुक्ला से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।


लवकुशनगर के दो विधायक नहीं रख पाए पक्ष


बिजावर के साथ ही लवकुशनगर को जिला बनाने की मांग चली आ रही है। कई बार आंदोलन और ज्ञापन कार्यक्रम हुए लेकिन सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगे हैं। गौरतलब है कि लवकुशनगर राजनगर विधानसभा में आता है जबकि ब्लाक मुख्यालय लवकुशनगर के कई कस्बा और गांव चंदला विधानसभा में आते हैं। चंदला विधायक भाजपा के राजेश प्रजापति हैं जबकि राजनगर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक कुं. विक्रम सिंह नातीराजा हैं। विधायक कुं. विक्रम सिंह नातीराजा से बात की गई तो उनका कहना था कि हम भी अपना पक्ष रख रहे हैं।


बोले बिजावर के नागरिक


हम बिजावर जिला बनाओ की मांग को लेकर सतत संघर्षरत रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस सरकार से मांग करते चले आ रहे हैं। हम उम्मीद में थे कि बिजावर को जिला बनाने की घोषणा हो सकती है,लेकिन यह देखकर धक्का लगा है। अपने विधायक से चर्चा की गई है। उन्होंने कैबिनेट की अगली बैठक में मांग पर चर्चा करने के प्रति आश्वस्त किया है।


जगतराज शांडिल्य


अध्यक्ष, जिला संघर्ष समिति बिजावर


कहां गई जिला बनाओ संघर्ष समिति। चुनाव के समय जिला बनाए जाने का मुद्दा बनाया गया था। तीन जिले बन गए,लेकिन बिजावर उपेक्षित रह गया।


राजीव दुबे भोले


पूर्व मंडल अध्यक्ष, भाजपा


जिला बनाओ संघर्ष समिति को मांग रखना चाहिए। जिला संघर्ष समिति कहां गई। मैहर के विधायक ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का साथ दे दिया तो मैहर को जिला बनाने के साथ ही दो अन्य जिला बन गए,लेकिन बिजावर का दूर-दूर तक नाम नहीं आया।


जगन्नाथ दुबे


समाजसेवी, बिजावर


बड़े दुख की बात है कि 10 वर्ष संघर्ष के बाद भी निराशा हाथ लगी है। विधायक ने 3 नवंबर को विधायक ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा था लेकिन कुछ नहीं हो पाया। बिजावरवासियों को चुनाव के समय आश्वासन मिला था। यह आश्वासन ही हाथ रह गया।