सागर । डॉ. हरीसिंह गौर विवि में छह दिवसीय दौरे पर आए नागालैंड के छात्र-छात्राओं ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत मंगलवार को खजुराहो का भ्रमण किया। इस अवसर पर विवि से खजुराहो गए विवि के राघवेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि भारत का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां का खजुराहो मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इसके विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के बाहर संभोग की मुद्रा में विभिन्ना मूर्तियां हैं। इन आकृतियों को काम साहित्य का नाम दिया गया है। प्राचीन संस्कृति व कालाकारी को देखते हुए नागालैंड के विद्यार्थी भी आश्चर्य चकित रह गए।
नागालैंड के विद्यार्थियों ने इन मंदिरों का इतिहास भी पूछा तो वहां मौजूद मार्गदशकों ने उन्हें जानकारी देते हुए कहा कि खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ईस्वी से 1050 ईस्वी के बीच हुआ है। इन मंदिरों में मूर्तियों का निर्माण इतनी बेहतरी से किया गया है कि इसे देखने के बाद किसी के मन में बुरा ख्याल नहीं आता, क्योंकि सभी इन मूर्तियों की खूबसूरती में खो जाते हैं। ये मूर्तियां प्राचीन सभ्यता की विशेषता बताने के लिए काफी हैं। बुंदेलखंड की संस्कृति को पहचानने के साथ गुरुवार को बुंदेलखंड व नागालैंड की टीमें सागर के लाखा बंजारा झील का इतिहास जानेंगे। इसके साथ ही सागर शहर व आसपास के क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। सांस्कृतिक विभाग के राकेश सोनी ने बताया कि दोपहर 3 बजे से दोनों संस्कृति का मिलाप फोक डांस व फोक संगीत के साथ होगा।