ढाई दशक बाद न्यायालय से मंदिर पहुंचे राधाकृष्ण भगवान

बिजावर। नगर के अति प्राचीन बिहारी जू मंदिर से ढाई दशक पहले चोरी गई राधा-कृष्ण भगवान की मूर्तियां न्यायालय से मंदिर पहुंच गईं। साल 1994 में बिहारीजू मंदिर से चोरों ने यह देव प्रतिमाएं चोरी की थीं। स्थानीय जेल रोड के पास स्थित दशकों पुराने बिहारी जू मंदिर में विराजमान राधा-कृष्ण की अष्टधातु की प्रतिमाएं 13 मार्च 1994 में अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली थीं। मंदिर के पुजारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और तलाश शुरू की तो लगभग तीन वर्ष 1997 में देव प्रतिमाएं बरामद कर न्यायालय के सुपुर्द कर दी गईं थीं। चोरों ने देव प्रतिमाओं की जांच कराने के लिए एक प्रतिमा का हाथ खंडित कर दिया था। 26 वर्षों तक न्यायालय में मामला विचाराधीन रहने के बाद न्यायाधीश ने न्यायालय के कोषालय में रखीं देव प्रतिमाओं को मंदिर के संस्थापक के वंशज राधेश्याम शर्मा, तहसीलदार राकेश शुक्ला एवं बिजावर थाना प्रभारी मनीष मिश्रा को सुपुर्द कर दिया है।


 

मंदिर में उतारी गई राधा-कृष्ण की आरती


राधाकृष्ण की प्रतिमाएं मिलने के बाद उन्हें लोहिया मंदिर में पुनः विराजित किया गया, उसके बाद आरती की गई। तहसीलदार राकेश शुक्ला बताते हैं कि 26 साल से न्यायालय के कोषालय में सुरक्षित प्रतिमाओं को न्यायालय ने सुरक्षा की गारंटी के साथ सुपुर्द किया है, जिन्हें मंदिर में विराजित कराया गया है।