सागर । मप्र विमानन संचालनालय द्वारा सागर के ढाना स्थित चाइम्स एविएशन अकादमी (सीएए) के प्रशिक्षु विमान सेसना की सभी तरह की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने के बाद रविवार को अकादमी के सारे विमानों के पहिए जाम हो गए हैं, रनवे सूना पड़ा है और सारे विमान हैंगर में तालाबंद कर दिए गए हैं। यहां कुल नौ विमान खड़े हैं। 3 जनवरी 2020 को ढाना में सीएए का जो विमान क्रैश हुआ था, जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वह बगैर अनुमति सागर से महोबा तक गया था, तय मानको से करीब 1500 फीट अधिक ऊंचाई और करीब 104 नॉटिकल माइल्स अधिक दूरी तक गया था। सबसे बड़ी खामी तो यह है कि ढाना में अकादमी के सेंटर में मौसम में विजिविलिटी मापने के लिए कोई सक्षम उपकरण व संसाधन नहीं है। अंदाज से मार्किंग कर इसी आधार पर विजिविलिटी देखी जाती रही है। जिला प्रशासन की विशेष टीम की जांच रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं, जो अकादमी की उड़ानों को अवैधानिक व नियम विरुद्ध सिद्ध कर रहे हैं।
ढाना में चाइम्स एविएशन अकादमी देशभर से आए लोगों को पायलेट ट्रेनिंग अकादमी के रूप में छोटे सेसना वीटी-एईटी मल्टी इंजन विमान उड़ाने का प्रशिक्षण देती है। अकादमी के पास ढाना में 10 विमान हैं, जिसमें से 9 विमानों को विमानन संचालनालय के डायरेक्टर के आदेश के बाद से हटा लिया गया है। इन्हें हवाई पट्टी के अंत में बने हैंगर के अंदर खड़ा कर बाहर से ताला जड़ दिया गया है। आगामी आदेश तक यहां से कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सकेगा। बीते 3 जनवरी को ट्रेनी विमान सेसना वीटी-सीएएफ 172 हादसे में चाइम्स के इंस्ट्रक्टर अशोक मकवाना एवं ट्रेनी पायलेट पीयूष सिंह चंदेल की मौत हो गई थी। मामले में राज्य शासन व मप्र विमानन संचालनालय ने कलेक्टर सागर को जांच कराने के निर्देश दिए थे। दो सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी जिसमें अपर कलेक्टर मूलचंद वर्मा एवं एडीशनल एसपी राजेश व्यास को शामिल किया गया था। 25 जनवरी 2020 को अधिकारी जांच करने ढाना स्थित सीएए हवाई पट्टी पहुंचे थे। जांच के दौरान एक-एक हिस्से की जांच व परीक्षण और अकादमी के एटीसी महेश सनवाल, फ्लाइंग ऑपरेशन ऑफिसर अशोक विश्वकर्मा एवं फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर सारिक अली, प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र तिवारी के बयान लिए गए थे। एटीसी टावर का निरीक्षण का वहां उपलब्ध उपकरणों व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी ली गई थी।