राघवेंद्र गिरी के महंत बनने के बाद, समिति अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

सागर । परेड मंदिर में अनियमितता और परम्पराओं के उल्लंघन की वजह से उपजे विरोध के चलते जूना अखाड़े द्वारा स्थानीय महंत नारायण गिरि को हटाते हुए राघवेंद्र गिरि महाराज को नया महंत बनाया गया है। वहीं मंदिर को नया महंत मिलने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा बनाई गई समिति के अध्यक्ष रामजी दुबे ने अपना इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद कार्यकारिणी भंग हो गई है।


श्रद्धालुओं से मुलाकात से पहले महंत देवेंद्र गिरि महाराज कच्छ गुजरात, शिवानंद गिरि महाराज महाराष्ट्र पीठाधीश्वर, महंत नमन गिरि महाराज हरिद्वार, आनंद गिरि एवं महंत हरिहरानंद महाराज गांधीनगर गुजरात द्वारा बैठक में विचार विमर्श किया और परेड मंदिर के महंत नारायण गिरि को मंदिर के दायित्वों से पदमुक्त करने का निर्णय लिया। हालांकि बैठक से पहले ही महंत नारायण गिरि ने साधु संगत को शपथ पत्र पर अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। जूना अखाड़े द्वारा श्रद्धालुओं के समक्ष नए महंत के रूप में राघवेंद्र गिरि के नाम की घोषणा की गई।


 

राघवेंद्र गिरि पूर्व से परेड मंदिर से जुड़े रहे हैं और जूना अखाड़ा परम्परा में नरेंद्र गिरि महाराज के शिष्य हैं। उन्होंने बताया जल्द ही मंदिर में यज्ञ-पूजन कराया जाएगा। कैंट पार्षद वीरेंद्र पटेल ने बताया कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा महंत को हटाने कमेटी बनाई थी, जिसका अध्यक्ष रामजी दुबे को बनाया गया था। मंदिर में अब नए महंत द्वारा पूजन-पाठ और व्यवस्थाएं देखी जाएंगी इसलिए रामजी दुबे ने अपने पद से मौखिक रूप से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि कमेटी का अभी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। उल्लेखनीय है कि परेड मंदिर सागर शहर का सबसे प्रमुख और पुराना धर्म स्थल है। लोगों की आस्था के केंद्र इस मंदिर की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए दो साल पहले पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा नारायण गिरि को महंत बनाकर भेजा गया था। कुछ समय तक तो सब ठीक रहा लेकिन फिर नारायण गिरि ने अपनी सुविधा और विलासिता भरे जीवन के चक्कर में मंदिर की परम्पराओं को धूमिल करना शुरू कर दिया था। संतों के लिए बनी कुटी को वातानुकूलित कमरों में बदल दिया था। मंदिर के नियमों में छेड़छाड़ से श्रद्धालुओं में आक्रोश बढ़ने लगा था।