सागर । जिले में नलजल योजना, हैंण्डपंपों को नुकसान पहुंचाने वालों पर प्रशासन द्वारा एफआईआर की जाएगी। वहीं नल-जल योजना और हैंडपंपों को क्षति पहुंचाने वालों से ही नुकसान की वसूली की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर प्रीति मैथिल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला पेयजल संबंधी समीक्षा बैठक में दिए।
उन्होंने कहा कि सागर का राजघाट इस बार निराश नहीं करेगा, क्योंकि इस बार पर्याप्त वर्षा होने के कारण राजघाट बांध में आज की स्थिति में 512 मीटर पानी उपलब्ध है। नगरीय क्षेत्र की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने नगर निगम सागर की सीमा में पेयजल की समीक्षा करते हुए आयुक्त नगर निगम से जानकारी ली। आयुक्त आरपी अहिरवार ने बताया कि राजघाट बांध में आज की स्थिति में 512 मीटर जल उपलब्ध है जो 30 जून तक के लिए पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि इसी बांध से आर्मी एवं मकरोनिया नगर पालिका के लिए पेयजल सप्लाई किया जाता है एवं नगर में 18 बोर चालू हालात में है। साथ ही 225 हैंण्डपंप चालू स्थिति में स्थापित है।
जलसंकट हुआ तो सीईओ, पीएचई के अधिकारी होंगे जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जितनी भी नलजल योजनाएं एवं हैंडपंपों की स्थिति की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि इसके बाद कहीं भी पेयजल संकट नहीं होना चाहिए और यदि होता है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के सीईओ, सीएमओ एवं पीएचई विभाग के अधिकारी उत्तरदायी होंगे। जल संकट की स्थिति निर्मित होने के पूर्व ही उसके निराकरण के प्रयास किए जाएं एवं कार्ययोजना बनाकर मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अति गंभीर जलसंकट होने की स्थिति में ही पेयजल का परिवहन सुनिश्चित करें।
बांध से सिंचाई करने वाली मोटरें जब्त कर पंचायतों को दें
कलेक्टर श्रीमती मैथिल ने आयुक्त नगर निगम एवं एसडीएम को निर्देश दिए कि राजघाट बांध से फसलों की सिंचाई करने वाले किसानों की मोटर पंप सहित पाइप जप्त कर उसे उन ग्राम पंचायतों को दें, जहां के मोटर पंप खराब हैं या बदलने की स्थिति में है। उन्होंने मकरोनिया के पेयजल की समीक्षा करते हुए सीएमओ को निर्देश दिए कि यदि आवश्यकता हो तो तत्काल नलकूप खनन कराएं एवं खनन कराए गए नलकूपों में हैंडपंपों को लगाएं जिससे पेयजल की बर्बादी नहीं हो सकेगी और यदि आवश्यकता हो तो उनमें मोटर पंप भी लगाएं। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ सीएस शुक्ला, सागर एसडीएम संतोष चंदेल सहित जिले के समस्त एसडीएम, समस्त निकायों के सीईओ, सीएमओ, पीएचईए, सिंचाई विभाग एवं विद्युत मण्डल के अधिकारी उपस्थित थे।