ऐलोवेरा की खेती, ड्रिप-स्प्रिंकलर में ठगे गए किसान, बैंक ने थमाए नोटिस

बड़ामलहरा। खेती को लाभ का धंधा मानकर ऐलोवेरा की खेती व प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत ड्रिप-स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाने वाले किसान कर्जदार गए हैं। अपने साथ हुई इस ठगी का पता किसानों को तब चला जब उन्हें बैंक की ओर से वसूली के नोटिस थमाए गए। अब इस समस्या का समाधान न होने से किसान परेशान हैं। उद्यानिकी विभाग ने किसानों को शासकीय योजनााओं का लाभ लेकर मालामाल हो जाने का सब्जबाग दिखाया और खेतों में ऐलोवेरा के उत्पादन व प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का लाभ लेकर ड्रिप-स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित किया था। अपने साथ हुए छलावे के बारे में किसानों को तब मालूम चला जब बैंक की ओर से उन्हें नोटिस थमाए गए। नोटिस देखकर किसानों के होश उड़ गए। इसके बाद से वे अधिकारियों से गुहार लगाते घूम रहे हैं। उनकी समस्या का समाधान करने की बजाय जिम्मेदार कोरे आश्वासन देकर खुद को बचाने में जुट गए हैं। किसानों का आरोप है कि उद्यानिकी विभाग व ऐलोवेरा खरीदने वाली कंपनी ने साठगांठ करके उन्हें ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत ड्रिप-स्प्रिंकलर के नाम पर उनके साथ जो धोखाधड़ी की गई है, उससे किसानों को लाभ तो मिला नहीं बल्कि वे बैंक के कर्जदार जरूर हो गए हैं। अब उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। सूत्रों की मानें तो नीति आयोग के सर्वेक्षण में छतरपुर जिले को पिछड़ा घोषित किया गया है। जिले को पिछड़ी सूची से हटाकर उन्नतशील जिलों की सूची में शामिल करने के लिए किसानों को इस योजना से जोड़ा गया था। इस योजना में कृषकों की आय दोगुनी करने के साथ प्रति एकड़ प्रति वर्ष न्यूनतम 1 लाख रुपये की आय कराके गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की आय में वृद्धि की जानी थी। इस योजना से किसानों के परिवारों का कुपोषण दूर करने, कृषकों को बाजार के जोखिम से बचाकर उद्यानिकी मूल्य अनुबंध योजना से उपज क्रय करने की गारंटी दी गई थी। यह उद्देश्य पूरी तरह से विफल हो गया है।



ऐलोवेरा खेती में 1.39 लाख का बना था डीपीआर


बड़ामलहरा विकासखंड के ग्राम फुटवारी निवासी किसानों में अमनीबाई पत्नी गोपी लोधी, बारो के कमोदी पुत्र मिम्मा अहिरवार, रजपुरा के गोकुल पुत्र सुंदरलाल दुबे, छाईकुआं के रामनारायण पुत्र सुंदरलाल मिश्रा, राजापुर के राजाराम पुत्र रामसेवक तिवारी सहित करीब 213 किसानों ने जुलाई 2018 में उद्यानिकी मूल्य अनुबंध योजना मनरेगा से एक-एक एकड़ रकबा में ऐलोवेरा की फसल तैयार की थी। इस 3 वर्षीय योजना योजना के तहत किसानों को 1.39 लाख रुपये का अनुदान दिया गया। अनुदान राशि से खेत में बाड़ लगाने के लिए कटीला तार, 5 हजार के ऐलोवेरा पौधे, नीबू व अनार के 222 फलदार पौधे रोपने, पौधों में रोगोपचार के लिए दवाइयां और कृषि कार्य में मजदूरी पर 88 हजार रुपये खर्च करने का बाकायदा डीपीआर तैयार किया गया था। किसानों का कहना है कि आयुषी सेल्स ग्वालियर और उद्यानिकी विभाग के बीच अनुबंध के तहत ऐलोवेरा फसल खरीदने का एग्रीमेंट हुआ था। खेत में जब फसल तैयार हो गई तो उसकी खरीद नहीं की गई। लिहाजा फसल खेत में लगी-लगी ही खराब हो गई। इस कार्य में किसानों को मुनाफा होना तो दूर उनकी लागत ही नहीं निकली। अलबत्ता बैंक ने वसूली के नोटिस भी थमा दिए। यहां तक कि खेत में काम करने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत जो मजदूरी मिलना थी वह भी नहीं दी गई।


ड्रिप स्पिंकलर में किसान हो गए कर्जदार


उद्यानिकी मूल्य अनुबंध योजना से जुड़े किसानों को आरुषी सेल्स ग्वालियर से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत ड्रिप-स्पिंकलर सिस्टम दिलाए गए थे। किसानों के दस्तावेजों के आधार पर बैंक ऑफ इंडिया शाखा छतरपुर से सिंचाई सहयंत्र फाइनेंस करा दिए गए। जिसकी कि स्तवार रकम अदा करनी थी। 1 नवंबर 2019 को बैंक ऑफ इंडिया शाखा छतरपुर की ओर से जब किसानों को 68 हजार रुपये वसूली का नोटिस थमाया गया तो किसानों के होश उड़ गए। बैंक ने नोटिस में कहा है कि शाखा से 22 नवंबर 2018 को ड्रिप इरीगेशन एवं एलोवेरा फार्मिंग के लिए 68 हजार रुपये का जो ऋण स्वीकृत किया था, उसकी राशि 6 किस्तों में 3 वर्ष के अंदर अदा की जानी थी, जिसकी अदायगी आज तक नहीं की गई है। इस राशि को नहीं चुकाया गया तो नियमानुसार वसूली की कार्रवाई की जाएगी। किसानों का आरोप है कि किसानों से 20 हजार रुपये प्रति सहयंत्र अधिक वसूले जा रहे हैं।


इनका कहना है


किसानों को ऐलोवेरा फार्मिंग के लिए प्रमोट करने, हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के थ्रो पायलेट प्रोजेक्ट मूल्य अनुबंध योजना के तहत यह पूरा मामला मेरे संज्ञान में है। मैं इसे प्रमुखता से दिखवाता हूं। किसानों को हर हालत में सहयोग किया जाएगा।


बीएस राजपूत


सहायक संचालक उद्यानिकी, छतरपुर


बैंक की बकाया राशि की वसूली के लिए किसानों का नियमानुसार नोटिस दिए गए हैं। किसानों से राशि समयसीमा में राशि चुकाने को कहा गया है।


शैलेंद्र सिंह बिंदुआ


शाखा प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया छतरपुर